ब्रह्मा कुमारीज
~संक्षेप में परिचय
हिस्टरी
‘ॐ मंडली ‘– जैसा की इसका नाम दिया गया था, बहुत ही शुरुआत में (1936 में), बच्चों, मां, युवा वा बूढ़े पुरुषों का एक छोटा सा समूह था, जिन्होंने कुछ या अन्य दिव्य अनुभवों के बाद भगवान की दिशा में अपनी जीवन समर्पित कर दी थी। उन्होंने अपने रिश्तेदारों सहित पूरे समुदाय के कठोर शब्दों और उपेक्षा को सहन किया, सिर्फ इसलिए कि उन्होंने पवित्र रहने का और ईश्वर के मार्ग पर चलने का फैसला किया। उनका यह बलिदान अमर हो गया। अब उन आत्माओं को सम्मान के साथ दादी या दादा कहा जाता है। ऐसे हीरे समान बाबा के बच्चो की जीवन कहानी जानने के लिए बाइयोग्रफी पर जाएं l
ब्रह्मा कुमारी आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पुरानी कलियुगी दुनिया का परिवर्तन और नयी सतयुगी सुख की दुनिया की पुनः स्थापना के निमित, सभी आत्माओ के परमपिता परमात्मा निराकार शिव ने प्रजापिता ब्रह्मा के साकार माध्यम द्वारा स्थापित की है l विश्व नाटक मे, भगवान की भूमिका दुनिया को परिवर्तन करने की है, वा सुख की दुनिया स्थापन करने का उनका पार्ट है, जिसे हम स्वर्ग के रूप में याद किया जाता है। जब सूर्य उगता है, तो रात खत्म होती है और दिन शुरू होता है। भगवान ज्ञान का सूर्य है और ज्ञान का सागर भी है।
अभी महान परिवर्तन का समय है जो 5000 साल के कल्प मे एक बार ही होता है जब कलियुगी दुनिया का परिवर्तन होता है, अधर्म का विनाश और सत्य धर्म की स्थापना होती है l भगवान हमारे पिता, सर्वोच्च शिक्षक, एक पंडा, एक सच्चा मित्रा और वो सब कुछ है जिनकी हमे ज़रूरत होती है l हमारा उनसे बहुत सुंदर रिश्ता है l कठीन वा दुख के समय मे हम उनको याद करते है l जानिए About God पेज पर बाप के बारे मे सब जो उन्हिके द्वारा मुरली मे बताया गया है l
– यह बेहद का ईश्वरिया कार्य हम ब्राह्मण वा बिके का भी लक्ष्य हैl 2018 तक ब्रह्मा कुमारी संस्था के कुल 8800 से भी ज़्यादा सेंटर्स (centre), 140 देश मे विस्तार हुए हैl यह कोई भी NGO का दुनिया मे सबसे बड़ा विस्तार है l यह स्वयं ही विश्वा परिवर्तन का एक मुख्य संकेत है और यह भी संकेत है की वो कौन सी शक्ति है जो इतनी बड़ी संस्था को इतनी सहजता से चला रही है और संभाल कर रही है l वास्तव मे यह योग की शक्ति है जो हमे परमात्मा की याद से मिलती है, और उनकी ज्ञान की मुरली जो हम रोज सुनते है, वो स्वपरिवर्तन मे और विश्वा सेवा मे हुमारा मार्ग दर्शन करती है l
अब वो अनमोल समय फिर से आया है जब भगवान शांति, पवित्रता, प्रेम और सुख की दुनिया को फिर से स्थापित करने के लिए अवतरित होते हैं l वो स्वर्ग हैl भगवान कहते है: ”अपने को आत्मा पहचान, फिर मिझसे अपना अविनाशी संबंध जोड़ो और मामेकम याद करो l मुझ परमात्मा को याद करने पर तुम्हारे सभी विकर्म विनाश होंगे और आत्मा पवित्र बन जाएगी l. ऐसे जो इस जनम मे पवित्र बनेंगे, वही फिर मेरी बनाई नयी दुनिया सतयुग मे आएँगे l बहुत सुख पाएँगे l”
– यह परमात्म महावाक्य है l अभी हमे निर्णय लेना है और अपना भाग्य स्वयं ही रचना है l सिर्फ़ हमे श्रीमत पर चलते रहना हैl
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हमे अपना चरित्र दिव्य बनाना हैl विश्व परिवर्तन का यह कार्य उन लोगों की आंखों में दिखाई दे रहा है जो एक अच्छे पर्यवेक्षक हैंl दुनिया मे भौतिक और सूक्ष्म दोनो रीति से कई बदलाव हो रहे हैl हम यह श्रेस्थ ईश्वरिया कार्य मे सहयोगी हैl बाइयोग्रफी पेज पर ऐसी महान आत्माओ की जीवन गाथा पढ़े वा देखे जो भगवान बाप के विशेष सहयोगी बने हैl
और हिस्टरी पेज पर पढ़े की कैसे यह सतयुग की पुनः स्थापना वा विश्व परिवर्तन का कार्य ब्रह्मा कुमारी संस्था वा ओम मंडली के रूप मे बाप ने सन 1936 मे रचा l पहले के फोटो यहा पिक्चर गेलेरी मे देखेl