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गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima Special)

❀ Special Hindi + English article for the day of Guru Purmina ❀

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर निराकार परमपिता, परम शिक्षक, परम सतगुरु ( परमात्मा शिव ) को कोटि कोटि नमन।

( On this occasion, sharing my expression of gratitude & self experience about God Father SHIVA in Hindi & English version )

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मैं तहे दिल से निराकार परमपिता परमात्मा शिव प्रति जो सभी गुरुओं का गुरु परम सतगुरु है, सद्गतिदाता है आभार प्रकट करता हूँ।

– परमधाम से इस भ्रष्टाचारी पतित दुनिया में अवतरित होकर साकार माध्यम ब्रह्मा, एदम अथवा आदम द्वारा ईश्वरीय ज्ञानामृत का पान कराने के लिये। Refer: परमात्मा शिव का दिव्य अवतरण

– पुरानी विकारी दुःखदायी दुनिया को बदल १००% पवित्रता, सुख शान्ति वाली नयी निर्विकारी दुनिया में परिवर्तन करने का दिव्य कार्य निष्पादन करने के लिये।

– सभी आत्माओं व ५ तत्वों सहित प्रकृति को पावन बनाने के लिये।

Power of Sakash - Sakaash to world


– अपना बच्चा, स्टूडेंट व फॉलोअर बनाने के लिये।

– रूहानी परमपिता के रूप में ईश्वरीय वर्सा व खजाना देने के लिए, रूहानी परमशिक्षक के रूप में रचयिता और रचना, तीनों लोक व काल का ज्ञान देने के लिए और परमसतगुरु के रूप में वरदान अथवा ब्लेसिंग देने के लिये ।

विश्व की अन्य आत्मायें भी आपको पहचाने और ईश्वरीय वर्सा व खजाने का लाभ उठावें ताकि अंतिम समय उन्हें पश्चाताप ना करना पड़े । अभी नहीं तो कभी नहीं।

आखिर में, आओ हम सब मिलकर नशे से यह गीत गायें *वाह बाबा वाह, वाह बच्चे वाह* और सारे विश्व में यह वायब्रेशन्स फैलाएं कि *मेरा बाबा आ गया।*

( *बाबा* – याने सर्व आत्माओं का रूहानी परमपिता चाहे वे किसी भी आयु अथवा धर्म से सम्बंधित हों, *बच्चे* – याने विश्व के सभी रूहानी बच्चे )

_प्यारे पारलौकिक रूहानी पिता *शिव बाबा* को दिल से पदम गुणा शुक्रिया व नमन_

ब्रह्माकुमार अनिल

pathakau71@gmail.com

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❀❀ English version ❀❀

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❃❃ ON THE AUSPICIOUS OCASSION OF GURU POORNIMA ❃❃

I express my heartiest gratitude to the incorporeal *God father SHIVA* who is the *Supreme Satguru* – the guru of all gurus ..the bestower of Salvation.

– for reincarnating in this unrighteous impure world from Paramdham ( Soul world) and delivering Godly knowledge nectar through the medium of Brahma, Adam or Aadam.

– for performing divine task of changing the old vicious sorrowful world to new viceless world of heaven with 100% purity peace and happiness.


– for purifying the souls and nature with its 5 elements.

– for making his Child, Student and Follower.

– for imparting Godly inheritance and treasures as a Supreme Spiritual Father , delivering knowledge of Creator and Creation, Three worlds and Time as a Supreme Spiritual Teacher and giving vardans or blessings as a Supreme Satguru.

May other souls of the world also realise you and benefit your godly inheritance and treasures like so that there is no repentance for them in the last moment. *NOW OR NEVER.*

Finally, let us sing the song with intoxication *WAH BABA WAH, WAH BACCHE WAH* and spread the vibrations across the world that MERA BABA AA GAYA ( MY SPIRITUAL FATHER HAS COME).

( ‘BABA’ – meaning one Supreme spiritual father of all souls irrespective of any age and religion, ”BACCHE” meaning all spiritual children of the world )

Multimillion thanks and salute to Beloved Spiritual *Father Shiva* from my heart.

BK Anil Kumar
(Godly child & student )

Visit the PDF English version of this article.

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✿ परम सतगुरु परमपिता शिव परमात्मा के बारे में स्वानुभव: ✿

१. वह उसको *पूर्ण आदर* देता है जो उसपर भरोसा रखते हैं, निष्ठापूर्वक पढ़ाई करते हैं व इमानदारी से धारणा को फॉलो करते हैं ।

२. वह उसे *पूर्ण स्नेह देता* है जो उस पर पूर्ण समर्पित हैं और जिनको उस पर पूर्ण आस्था है अर्थात जो किसी भी सुखदायी अथवा विपरीत परिस्थितियों में उसका साथ पकड़ कर रखता है ।

३. वह स्वार्थ से परे है अर्थात *पूर्ण निःस्वार्थी* है ।
४. वह *पूर्ण निरहंकारी* है ।
५. वह किसी को भी *माध्यम बनाकर मार्गदर्शन* दे सकता है चाहे वह अनपढ़ ही हो।
६. उसमें *उल्टा को सुल्टा* करने की शक्ति है ।
७. वह कर्म बंधन से परे होते हुए भी बहुत *व्यवस्थित, निष्ठावान, समयबद्ध* और अपने ड्यूटी प्रति एकदम स्पष्ट है ।

८. वह किसी को भी *निमित्त बनाकर अपना कार्य* करा लेता है और उसका नाम *बाला* कर देता हैं।
९. वह किये गए सेवा का *एक भी फल* अपने पास नहीं रखता बल्कि सूद समेत किसी भी तरीके से *वापस लौटा* देता है ।

१०. वह भली भांति जानता है कि *सही चीज़ सही समय पर* कैसे किया जाता है ।
११. वह अधूरे कार्य को *रोके रखता* है और *तब तक नहीं छोड़ता* जबतक कि वह कार्य पूरा ना हो जाये ।

*_आखिर में, सर्वोच्च सर्वशक्तिमान परमात्मा शिव से मिलन की इस नायब घड़ी को मैं अंगीकार करता हूँ जो सर्व आत्माओं के परमपिता हैं, सृष्टि के रचयिता हैं, जो ५००० वर्ष के विश्व नाटक चक्र में एक बार आते हैं । यह श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ अवसर इस विश्व नाटक चक्र में मात्र एक बार ही घटित होता है ।_*

इस आर्टिकल को print करने लिए, visit PDF Hindi version.

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❀❀ English version ❀❀

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❃ SELF EXPERIENCE ABOUT SUPREME SOUL SUPREME SATGURU GOD FATHER SHIVA ❃

1. HE GIVES *FULL RESPECT* TO ONE WHO TRUST HIM, DO STUDY SINCERELY AND FOLLOW DHARNA RELIGIOUSLY.

2. HE GIVES *FULL LOVE* TO ONE WHO SURRENDERS AND HAVE FULL FAITH IN HIM I.E WHO CATCH HOLD OF HIM AMIDST EVERY SITUATION OF PLEASURE AND PAIN.

3. HE IS *BEYOND SELFISHNESS.*
4. HE IS COMPLETELY NIRHANKARI (BEYOND EGO).
5. HE CAN GIVE *GUIDANCE THROUGH ANY MEDIUM* EVEN AN ILLITERATE.
6. HE HAS THE POWER TO *CORRECT THE CONVERSE.
7. THOUGH HE IS BEYOND KARMIC BONDAGE HE IS VERY *SYSTEMATIC, SINCERE, TIME BOUND AND VERY CLEAR* ABOUT HIS DUTY.

8. HE CAN MAKE ANYONE AS A MEDIUM FOR EXECUTING THE TASK.
9. HE DOES NOT KEEP A *SINGLE FRUIT OF THE SEVA* OFFERED BUT *GIVES THE RETURN* OF IT ALONG WITH INTEREST BY ANY MEANS.

10. HE KNOWS HOW TO DO THE *RIGHT THING AT RIGHT TIME.*

11. HE KEEPS ON HOLD THE UNCOMPLETED TASK AND *NEVER LEAVES IT* TILL EXECUTED FULLY.

*_Lastly, Embracing the rarest occasion of meeting the highest almighty authority, the Supreme soul ( SHIVA ) who is the Supreme father of all the souls, the creator of this creation who comes once in a 5000 year world drama cycle. This great great greatest occasion happens only once in every world drama cycle._*

BK Anil Kumar
(Godly child & student)

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ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र जाना क्यों जरुरी है?

OM SHANTI: ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र जाना क्यों जरुरी है? (Why is it important to stay connected with the BK RajYog centre? और इससे हमारे जीवन में क्या-क्या फायदे हो सकते हैं (and what are benefits in our Purusharti life by regularly going to the centre?)

आप सभी ने ख़ुशी-ख़ुशी से राजयोग साप्ताहिक पाठ्यक्रम सम्पन्न किया।यह दिव्य ज्ञान की सम्पूर्ण अनुभूति व लाभ प्राप्त करने के लिए आपको ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नज़दीकी सेवाकेन्द्र पर जाना भी अनिवार्य है।

■ सेवाकेन्द्र पर जाने से होने वाले फ़ायदे ■

सेवाकेंद्र क्या है ? एक स्कूल, ईश्वरीय विश्वविद्यालय है ,पाठशाला है , यूनिवर्सिटी है, अपने परमपिता का घर है l जैसे स्कूल में रजिस्टर में नाम लिखते हैं ऐसे सेंटर पर भी जाने वाले भाई बहनों की हाजरी लगती है घर पर यह सब नहीं होगा।
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Murli class by little Sister


✿ मुरली क्लास ✿

✻ सेवाकेन्द्र पर नियमित प्रातः 07:00 बजे मुरली निमित्त मुख्य बहनजी द्वारा सुनायी जाती है।सम्मुख मुरली सुनना हमारी शंकाओ का समाधान करता, हमें शक्ति प्रदान करता, व परमात्म मिलन का अनुभव कराता है।
Reference: What is Gyan Murli?

✻ सेवाकेंद्र अर्थात ईश्वरीय घर परिवार जहाँ आत्माओं की रूहानी स्नेह से पालना होती है। जहाँ सब आत्माएं आकर ज्ञान, योग से अपने जीवन को श्रेष्ठ और पावन बनाती हैं। यह एक ईश्वरीय परिवार है जहाँ जन्म-जन्म से बिछड़ी हुई आत्मायें अपने पिता परमात्मा की शीतल छाया में एक अलौकिक सुख का अनुभव करती हैं।

✻ सेवाकेंद्र का वातावरण काफ़ी शांत और पॉवरफुल होता हैं जब हम सेवाकेंद्र पर जाकर योग करते हैं तो उसका अनुभव बहुत अच्छा होता है वो आत्मा को अंदर से भरपूर और संतुष्ट करने वाला होता है।

✻ ब्राह्मण हम उसी को कह सकते जो डेली सेवाकेंद्र जाए। हम गॉडली स्टूडेंट तभी कहलाएंगे जब नियमित सेवाकेंद्र जाएंगे। जो सेवाकेंद्र नहीं जाते वो ब्राह्मण कहला न सके चाहे 24 घण्टे पीऍमटीवी देख ले या ऑनलाइन में देखे। जो ब्राह्मण नही वो देवता भी नहीं बन सकते और जो देवता नहीं वो सतयुग में नहीं आ सकते। सेवाकेंद्र जाने से और ईश्वरीय परिवार से मिलने से हम दैवी परिवार से मिल सकेंगे। लेकिन अभी उनसे कनेक्शन नहीं तो वहा भी कनेक्शन नहीं। यहाँ के दैवी कुल से गहरे सम्बन्ध के आधार पर हम वहाँ भी उन आत्माओं के समीप आते हैं।

✻ सेवाकेंद्र पर बाबा का कमरा बना हुआ होता है जहाँ हम बाबा से रुहरिहान कर अपने मन की बात व प्रतिज्ञा भगवान बाप से कर सकते हैं। हमें सूक्ष्म वतन, माउंट आबू की और परमधाम की अनुभूति करवाता है जो हर किसी को घर में नहीं होती।

✻ जब क्लास में बहन जी मुरली सुनाते हैं तो बाबा ने कहा है, तो सूक्ष्म रूप में बाबा उनके अन्दर प्रवेश करके मुरली चलाता है, यह बाबा का बच्चों से प्रतिदिन मिलन है। मुरली सुनते वक्त हमें ये कॉनशियस में रखना है कि मैं आत्मा परमात्मा से मुरली सुन रहा हूँ और सम्मुख मुझे जो देखने वाला है इन नैनों के द्वारा, इस रथ के द्वारा वो बाबा है। परमात्मा के वचन को मैं परमात्मा के द्वारा सुन रहा हूँ । वह दृष्टि ही हमारा परिवर्तन करती है।

✻ संगठन में मुरली सुनने में शक्ति का अनुभव होता है। वहाँ पर जो सभी स्टूडेन्टस क्लास में होते हैं, उनका पॉजिटिव वायब्रेशन होता है, उनका ओरा और वृत्ति आपको हील करती है और आप में भी सकारात्मक परिवर्तन का उमंग आता है वहीँ से आपकी परिवर्तन प्रक्रिया आरम्भ होती है।

✻ जब हम सेवाकेंद्र पर जाकर मुरली सुनते हैं तो हमें मुरली ज्यादा अच्छे से समझ आती है। एक-एक पॉइंट हमारी बुद्धि में जैसे छप जाता हैं।क्योंकि वहाँ संगठन का भी बल मिलता और वहाँ हमें हंसो का संग मिलता हैं।सब ज्ञान रत्न चुगने वाले लेकिन अगर हम घर में ही मुरली सुनते हैं तो वहाँ हमें हंसो का संग नहीं मिल पाता। कोई ज्ञान में चलता हैं कोई नहीं चलता तो हमें कोई एक्स्ट्रा पॉवर नहीं मिल पाती।
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✻ जब हम शुरू-शुरू में ज्ञान में चलते हैं तो हमारे लिए हर बात और कई मुरली में प्रयोग हुए शब्द नए होते हैं जो कई बार हमें समझ नही आते। मुरली पढ़कर भी हमारे मन में संकल्प उठते हैं जिनका सही जवाब हमें घर में मुरली पढ़ने से नहीं मिलता। लेकिन अगर हम सेवाकेन्द्र पर जाते हैं तो जो निम्मित बहने होती हैं मुरली सुनाने के लिए, वो हर बात को अच्छे से एक्सप्लेन करके सुनाती हैं।तो हमे मुरली का सही अर्थ समझ में आता है और हम उनसे अपने कई मन के प्रश्न भी पूछ सकते हैं। जिससे हम आगे बढ़ते हैं।

✻ अगर कई बार हमारे अन्दर हिम्मत नहीं होती है, कोई कमज़ोरी होती है, तो सेवाकेंद्र जाने से हमारे अन्दर बहुत शक्ति आती है, कि ये बात मुझे अपने जीवन में धारण करनी है। मुझे ये बात परिवर्तन करनी है, मेरे अन्दर ये कमी है।मुरली हमारा आईना बन जाती है उस वक्त।अगर वही महावाक्यों को हम घर पर सुनते हैं, तो उसका प्रभाव नहीं होता।वहाँ पर हमको रियलाइज़ेशन होता है डीप और जो परिवर्तन होता है, वो सिर्फ सम्मुख मुरली सुनने से ही होता है ।

✻ ये मुरली कोई साधारण ज्ञान नही हैं।ये मुरली वही है जिसके लिए शास्त्रों मे गायन है कि कृष्ण मुरली बजाते थे और गोपिया अपनी सुदबुध खो बैठती थी। नंगे पैर मुरली सुनने दौड़ती थीं।अभी हम चैतन्य में गोपाल -गोपियाँ हैं और कोई स्थूल मुरली नहीं ये ज्ञान मुरली है जो परमात्म महावाक्य की सुरीली मधुर तान है।

✻ बाबा का एक-एक महावाक्य पदमों की कमाई कराने वाला है या ये कहो की अमूल्य है। वो हमें इतना सहज प्राप्त हो रहा है, उसके लिए हमें कुछ कदम चलके सेंटर जरूर जाना चाहिए।

✻ बाबा कहते हैं कि जिसे मुरली से प्यार है,उसे मुझसे यानि मुरलीधर से प्यार हैं।

✻ सेवाकेंद्र से हमें चार्जेबल वातावरण मिलता है क्योंकि वहाँ कई वर्षो से भाई/बहन तपस्या करते है। जो हमारी एकाग्रता और ज्ञान की धारणा करने की शक्ति को बढ़ाती है।

Baba room for meditation


✻ अगर घर में योग करने बैठते है वो अनुभव नहीं होगा क्योंकि कोई आपको योग करने नहीं देंगे, कोई कहा से बुलाएगा, आवाजें होंगी , किसी का कॉल आएगा..। सेंटर पर ये सब नहीं होता, इसलिए हम शांति, सुकून, पॉजिटिव वाइब्रेशन अनुभव कर सकते है।

✻ हमे सेवा की नई -नई गति विधियों की जानकारी मिलती है और हमें यह भी ध्यान में आता है कि किस – किस प्रकार की सेवा हम कर सकते है और सेवा कर हम अपना भाग्य भी बना सकते हैं।

✻ जब हम ईश्वरीय परिवार से मिलते है तो बेहद की दृस्टिकोण की जागृति आती है।इससे हमें एक अन्तरिंक बल मिलता है जिसके जरिये हमें लगता है कि हम अकेले नही दैवी परिवार साथ है। दूसरो को देखकर पुरुषार्थ बढ़ता है और ईश्वरीय परिवार का सपोर्ट भी रहता है।
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✿ सेंटर पर जाकर सबके साथ रहते हैं तो सबकी विशेषताओं का भी पता चलता है सबके अनुभव भी सुनने को मिलते की कैसे-कैसे सब परिस्तिथियों का सामना करके भी बाबा के ज्ञान में चलते हैं। घर परिवार में रहते भी कैसे खुश और संतुष्ट रहते हैं।

✻ अलौकिक परिवार मिलता। सब देखकर खुश होते हमारा बिछड़ा हुआ भाई आ गया।

✻ सेवाकेंद्र जाते तो हमें ब्राह्मण परिवार की दुआएं भी मिलती। सब कहते देखो ये कितना अच्छा बाबा का बच्चा है रोज मुरली सुनता है, योग करता है।

✻ सेवाकेंद्र पर जाते तो देखते कैसे निम्मित बहने बाबा की याद में बैठती और मुरली सुनाती हैं तो उन्हें देखकर भी सीखने को मिलता। जो हम घर में रहकर नहीं सीख सकते।

✻ डिप्रेशन वाले लोगों को देखा जाये तो उनमें से 50% लोग का कहना होता है हमें कोई समझता नहीं, हम अकेले है, हमारे कोई नहीं है। लेकिन इस ईश्वरीय परिवार में जाने के बाद ऐसी सारी समस्या, शिकायते, दूर हो जाती है।

✻ हम घर में रहकर मैडिटेशन की सही विधि नहीं जान सकते, कैसे करना है, कब-कब करना है और सेंटर पर सबको साथ मैडिटेशन करते देख हमें भी हिम्मत आती है।नहीं तो अकेले करते तो हम नहीं जान पाते।इससे क्या-क्या लाभ होते। जब हम सम्मुख किसी का अनुभव सुनते तो हमें भी उमंग उत्साह आता मैडिटेशन करने का।

✻ घर में उनकी मैडिटेशन की जगह भी फिक्स नहीं होगी। कभी कोई कारण वश जगह बदलनी पड़ती होगी। सेंटर पर मडिटेशन के लिए अलग रूम होता है तो वहां ज्यादा समय भी मैडिटेशन कर सकते हैं।

✻ सेवाकेंद्र में प्रवेश करते ही परमात्म शक्ति , शांति का वायुमंडल का अनुभव होता है। क्योंकि वहां रोज़ परमात्मा द्वारा उच्चारे महावाक्य सुनाए जाते हैं। रोज़ मैडिटेशन होता है। परमात्मा के मधुर गीत बजते हैं। और योगी आत्माओं का रोज़ आना जाना होता है ।तो वह वायुमंडल उनको प्रभावित करेगा, कशिश करेगा सेंटर आने के लिए।

✻ बी.के भाई बहन भी अलग-अलग तरीके से मैडिटेशन करते हैं।वह सेंटर पर ही सीख सकते हैं। मैडिटेशन की भिन्न-भिन्न युक्तियां सेंटर पर ही आपको जाने पर मिलेंगी।

✻ घर में पीऍमटीवी (pmtv) पर देख कर कभी संकल्प चलेंगे कि एक ही तरह से मैडिटेशन में मजा नहीं आ रहा है। तो उन्हें सेंटर पर जाने से योग में भी मन लगता हैं।

✻ रेगुलर स्टूडेंट को दूसरों के लिए एग्जांपल के तौर पर दिखाते हैं।यह रेगुलर है। पढ़ाई, पढ़ने स्कूल जाना होता है घर पर अधूरी-अधूरी पढ़ाई होती है।

✻ सेवाकेंद्र पर कुछ अपने मन की उलझन या समस्या पूछनी हो तो कुछ भी पूछ सकते हैं

✻ सेवाकेंद्र जाने का फायदा – शरीर स्वस्थ रहेगा , प्रातः जल्दी तैयार होकर घूमना भी हो जाता , फ्रेश हवा भी मिलती, मॉर्निंग स्पिरिचुअल पिकनिक हो जाता है जिससे फिर पूरे दिन भर आपको शांति और ख़ुशी का अनुभव होता।

✻ सेवाकेंद्र नियमित जाएंगे तो धारणा पक्की होती जाएगी और फिर मधुबन (माउंट आबू) बापदादा मिलन में जाने की परमिशन मिल सकती है।

✻ सेंटर की दीदीयों की दृष्टि भी हम पर बहुत प्रभाव डालती हैं।जब उनसे सम्मुख बात करते तो पॉजिटिव वाइब्रेशन भी मिलते हैं।

✻ सेवाकेंद्र पर स्थूल सेवा होती, संगठन में योग, मुरली, पुरुषार्थ होता है। जिससे ज्ञान, योग में मजबूती आती है। सेवा से सहयोग और संगठन से शक्ति मिलती है।इससे उमंग- उत्साह बना रहता है

✻ सेवाकेंद्र पर जाकर आप नए लोगों को प्रदर्शनी समझा सकते, उन्हें कोर्स करवा सकते है, तो आपको बहुत ख़ुशी भी होगी और ज्ञान पक्का हो जायेगा।

✻ सेवाकेंद्र में भी अच्छे के संग, अर्थात तीव्र पुरुषार्थी भाई बहनों को देखने से हमें अपने कमियाँ और अवगुणों का पता चलता है। संग का भी रंग लगता है।वहां बाबा के बच्चों को देख कर हमें खुद भी उमंग-उत्साह आता है। घर में हम बाद में, बाद में कह कर मुरली को मिस भी कर देते हैं।

✻ जिस बी.के.शिवानी बहन का अडियो, वीडियो आप लोग सुनते या देखते हो। वे खुद नियमित रुप से सेंटर जाते है और यदि आप लोग उन्हें फॉलो करते हो। तो सेंटर क्यों नहीं जाते ?

✻ लौकिक में भी नियमित स्कूल या कॉलेज जाकर पढ़ना और कॉरेस्पोंडिंग से पढ़ाई पढ़ना, दोनों में फर्क होता है। नियमित स्कूल या कॉलेज जाकर पढ़ने वालों को ज्यादा और जल्दी समझ में आता है।दूसरे स्कूल या कालेज में तो एक जन्म की प्राप्ति होती है। इस युनिवर्सीटी में तो 21 जन्म की बादशाही की मिलती है।

✻ हमें शिव परमात्मा से 21जन्मों के लिए वर्सा लेना है।उसके लिए कुछ नियम बनाये गये है। इन सबकी जानकारी सेवाकेंद्र जाने से मिलती है जिसे हम श्रीमत कहते हैं।

Shiv baba ko Yaad kar


✻ यदि आप ऑनलाइन कोर्स करते हैं, सीडी की रिकार्डिग द्वारा घर पर अभ्यास करते हैं, पीऍमटीवी पर अनुभवी भाई बहनो के वचनामृत सुनते हैं, तो यह बहुत अच्छा है। *स्वामी विवेकानंद जी* ने कहा था कि अपने कल्याण के लिए किया गया कोई भी पुरुषार्थ व्यर्थ नहीं जाता।

परंतु बाबा कहते हैं कि अब समय ज्यादा नहीं बचा है। यह हमारी अंतिम घड़ियाँ हैं। यदि कोई साइंस का विद्यार्थी स्वध्यायी छात्र होकर पढ़ता है तो उसका सफल होना लगभग नामुमकिन होता है। यही बात सेवाकेंद्र पर न जाने वाले आत्माओं की होती है।

✻ घर में मंदिर होने के बावजूद व्यक्ति बाहर मंदिर जाते है। घर में भी पूजा हो सकती है लेकिन फिर भी बाहर मंदिर जाते है।क्योंकि वहाँ का वातावरण ऐसा होता जहाँ पूजा सहज होती है, मेहनत नही लगती है।मन को सच्ची शांति मिलती है। मंदिर में जाते यानि हाज़री लगाते।मन्दिर में तो देवताओं के जड़ चित्र होते है और ब्रह्मकुमारिज़ सेंटर तो चैतन्य भगवान का घर है। इसलिए यहाँ जाना ज़रुरी है।

✻ घर में सभी लोग एजुकेटेड इवेन पेरेंट्स भी एजुकेटेड होते है। फिर वे अपने बच्चे को पढाने के लिए स्कूल भेजते है। जबकि स्टार्टिंग में बच्चा स्कूल जाने के नाम पर रोता लेकिन फिर भी भेजते है। क्यूंकि वे जानते है बच्चा स्कूल जायेगा तो उसे एन्वायरमेंट, cooperation मिलेगा, उसके अंदर कुछ करने का, आगे बढ़ने का उमंग-उत्साह की इच्छा बनी रहेगी।उसका लक्ष्य उसके सामने रहेगा जिससे उसकी बुद्धि स्टेबल रहेगी कि मुझे यह करना है।

✻ स्पेशली जो रेगुलर स्टूडेंट होते है। कॉलेज में, स्कूल में उनको रेगुलर स्कूल आने के भी मार्क्स मिलते, टीचर्स का उनको प्ररीफरेंस, कॉपरेशन ज्यादा मिलता है। हर जगह इवेन जॉब्स आदि..में रेगुलर पढ़ने वालो को ही प्राथमिकता मिलती है।बच्चे का स्टडी से लिंक बना रहता है।
…… ……. …….
✻ इसी तरह, ब्रह्माकुमारीज़ एक यूनिवर्सिटी भी है और यहाँ जो हमें पढ़ा रहे, वो स्वयं भगवान है और हम उनके स्टूडेंट है, स्टूडेंट होने के नाते सब बातें यहाँ भी अप्लाय होती है।

✻ लेकिन डिफरेंस इतना है कि बाहर कि पढ़ाई करने से एक जन्म की कमाई के लायक बनते है और यहाँ इस यूनिवर्सिटी की पढ़ाई से (जो सेंटर पर जाकर हो सकती है।वॉट्सएप्प और ऑनलाइन नहीं) जन्म-जन्मान्तर की कमाई के लायक बनते है।

✻ कइयों को फ्रीडम होता है पर जाते नहीं क्योंकि उनमें अलबेलापन होता है। या ज्ञान की कीमत ही नहीं जानते, उन्हें ज्ञान की समझ ही नहीं होती है, ये संगमयुग कमाई का युग है, कमाई करनी है, बाबा के ज्ञान को समझना हो तो सेण्टर पर जाना ज़रूरी है।

✻ अगर लगन सच्ची होगी तो वो आत्मा घर पर रहेगी नहीं।क्या आपने कभी सुना है, कुआ प्यासे के पास जाता है, नहीं न, प्यास लगती है तो प्यासे को ही कुँए के पास जाना पड़ता है।

✻ जो भी बाबा के बच्चे ये सोचकर सेंटर नही जाते कि हम ज्ञान, योग सब घर में ही कर लेंगे।वो स्वयं को बहुत बड़े अँधेरे में रख रहे है।जैसे कोई भी डिग्री बिना स्कूल कॉलेज में जाए नही मिलती ऐसे ही देवी-देवता पद भी बिना सम्मुख सुने नही मिलता। बाबा स्वयं सवेरे-सवेरे सेंटर के चक्कर लगाते है।मुरली सुनते वक्त बाबा का आह्वान करने से बाबा की मदद का अनुभव होता हैं।

✻ अगर कोई बाधा है, कोई किसी प्रकार की मजबूरी है कि रेग्युलर क्लास नहीं जा सकते, सेवाकेंद्र से दूरी है तो अलग बात है। लेकिन उनको वीकली या जब भी छुट्टी मिले जाना चाहिए।मान लीजिए सुबह टाइम ना मिले तो उनको शाम को जाना चाहिए।तो मुरली सम्मुख सुनने का बहुत बड़ा फायदा होता है।

✻ परमात्मा का जहाँ अवतरण होता है। उस भूमि को आपने देखा नहीं, उसके सम्मुख गये नहीं, तो आपका वॉट्सएप्प या घर पर ऑनलाइन मुरली सुनी तो उसका कोई बहुत शक्ति वाली बात नहीं है।

✻ मधुबन (माउंट आबू) से पधारे वरिष्ठ भाई/बहन व दादियों द्वारा सेवाकेन्द्र पर समय प्रति समय मार्गदर्शन भी प्राप्त होता रहता है।

✻ सेवाकेन्द्र संचालिका बहनजी के समक्ष आपके सुझाव व आवश्यकता को देखते हुए आपके नज़दीक क्षेत्र में सेवाकेन्द्र की स्थापना भी सम्भव हो सकती है, जिससे आप अनेक आत्माओं के कल्याण के निमित्त बन सकते हैं।

✻ ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर एक परिवार भी है और यह हमारा ईश्वरीय ऊँचे से ऊँचा परिवार है। जो 5000 वर्ष में एक बार ही मिलता है। यह परिवार सच्चा और वास्तविक परिवार है। जिसमें भगवान हमारा माता- पिता और हम आपस में भाई-भाई (पारलौकिक आत्मा के हिसाब से) और भाई-बहन (अलौकिकता के आधार से) जो एक दूसरे को नि:स्वार्थ सहयोग, प्यार देते हैं। जो परिवार की फीलिंग साथ होने, आगे बढ़ने बढ़ाने में आती है।वो दूर रहने अर्थात वॉट्सएप्प और ऑनलाइन मुरली सुनने से नही आ सकती, केवल आपको शब्दों का सहयोग मिल सकता लेकिन ईश्वरीय परिवार अर्थात सेंटर जाने से आपको सर्व आत्माओं का सहयोग और सर्व प्रकार का सहयोग मिलता है।

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सकाश देने की विधि और ॐ ध्वनि (How to Give Sakash)

Sakash to World - Giving vibrations

ब्रह्माकुमारी सेंटर में समय अनुसार हम ब्रह्माकुमार और कुमारीया यथाशक्ति योग के सकाश का सहयोग निमित सेवा स्थान से देते है। जानिए की योग का सकाश क्या है और इसमें ॐ ध्वनि व सात रंग का कैसे प्रयोग होता है और इसका अभ्यास कैसे हो।

यह सारा ज्ञान हमे परमपिता परमात्मा शिव ने प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा दिया है। अव्यक्त मुरलियो में सकाश देने की विधि बापदादा ने स्पस्ट समझायी है, फिर भी कहते है – हर किसी की अपनी अपनी विधि है।

Before we continue, for English Article, visit How to Give Sakash.

प्रश्न :

ओम ध्वनि और रंगों के साथ सकाश ना तो मुरलियों में आया है और ना ही वरिष्ठ भाई बहनों के क्लासेज में इनका कोई उल्लेख आता है ? आप का अनुभव क्या है ? क्या आप इसी रीती से सकाश देते हैं ?*

उत्तर :
यदि आप स्मृतिस्वरुप बन गये हो तो इनकी आवश्यकता नहीं । जब तक नहीं बने हैं तब तक इनका सहारा लेना पड़ता है । सतयुग में तो परमात्मा की भी आवश्यकता नहीं पड़ती । यज्ञ की शुरुआत भी ओम की ध्वनी से हुई थी । जब हम *ओम शांति* बोलते हैं तो वह एक तो formality की रीती से हो सकता है जिससे कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलता केवल ऊपर का दिखावा मात्र होता है l

दूसरा

ज्ञान युक्त होकर बोलते हैं जिससे स्वयं को और सामने वाले को आत्मिक स्मृति दिलाने के उद्देश्य से होता है यह फिर भी पहले वाले से उत्तम है क्योंकि यहाँ पर भी स्मृति युक्त होकर बोलते हैं

और तीसरा

जो सर्वोत्तम है वह है अनुभवयुक्त होकर बोलना इससे हम दूसरों को भी अनुभूति करा सकते हैं जो बाबा और दादीयाँ करती हैं । हर एक गुणों का रंग कोड होता है, विज्ञान भी इस बात को मानता है । रंग के आधार पर योग अनपढ़ भी कर सकते हैं । इससे और गहराई में अनुभूति कर सकते हैं क्योंकि बुद्धि द्वारा visualize करने में सुविधा होती है । फिर भी यह हर एक का व्यक्तिगत अनुभव है जिसे जैसा अच्छा अनुभव हो वैसा करें ।

ओम की ध्वनि के प्रभाव को भी विज्ञान स्वीकार करता है, ध्वनि का भी एक अलग विज्ञान है जो सिद्ध किया जा चुका है । ओम को बीज मंत्र कहा गया है । वेद शास्त्रों में किसी भी मंत्र की शुरुआत में या अंत में इसे अवश्य स्थान दिया गया है । हम ज्ञान में होने के कारण इसे केवल भक्ति की रीती से न करके इसे अर्थसहित स्मृति के साथ उच्चार करने से जरुर लाभ मिलेगा । जैसे ओम का अर्थ जो बाबा ने बताया है कि *मैं आत्मा हूँ* और साथ में गुणों को भी जोड़ देने से अच्छा प्रभाव होगा।

कॉमेंटरी (guided commentary)

मैं एक आत्मा हूँ। मैं गैर-भौतिक प्रकाश का एक बिंदु हूँ। मेरे भीतर से प्रकाश बाहर आ रहा है और सभी दिशाओं में फैल रहा है। मे स्वयं को इस शरीर से अलग आत्मा देख रही हू और महसूस कर रही हू। यह शरीर अलग है और मैं अलग हूं। मुझ आत्मा से निकलता शांति का प्रकाश सारे विश्व पर फैल रहा है l

जहाँ तक स्वयं के अनुभव का प्रश्न है मुझे vibrations की शुद्धिकरण में इन तीनों का अच्छा सहयोग मिला है

१) ओम ध्वनी 

२) पाँच स्वरुप का अभ्यास 

3) स्वमान अभ्यास 

पाँच स्वरूप के अभ्यास के लिए यह 2 वीडियो है .
1. पाँच स्वरूप पर गीत: https://www.youtube.com/watch?v=8fPj2kP1bSw
2. पाँच स्वरूप की कॉमेंटरी (हिन्दी) – सूरज भाई: 

स्वमान अभ्यास के लिए कॉमेंटरी: http://bit.ly/Swamaan

समय समय पर जब भी मुझे जरुरत होता है मैं इनका सहयोग लेता हूँ और अनुभूति भी होती है । मुरलियों में जो भी आता है वह in general सभी बच्चों के लिए होता है क्योंकि सब कोई गुह्य ज्ञान अथवा भीतर के वैज्ञानिक पहलूओं को समझने का सामर्थ्य नहीं रखते । विशेष बनने के लिए विशेष गहराई में जाना पड़ता है और विशेष करना भी जरुरी हो जाता है ।

अंत में यही कहूंगा प्रत्येक भाई बहन अपनी अपनी गहराई और योग के प्रयोग द्वारा अनुभूति को सामने रख रहे हैं । उसमें से आप को अपनी प्रकृति और अवस्था अनुसार जो suit याने सुविधाजनक और लाभदायी हो वो फॉलो करें जैसे कभी कभी एक डॉक्टर की औषधि लम्बे काल तक लेने पर भी काम न करे तो बदलाव करना पड़ता है । मैं तो सभी का सहयोग लेकर अपना ही अलग विधि बनाकर स्वयं की संकल्प शक्ति और स्थिति के द्वारा सकाश को शक्तिशाली बनाने पर प्रयोग कर रहा हूँ ।

वायुमंडल का आधार वृत्ति पर, वृत्ति का आधार स्थिति और स्मृति पर होता है फिर वृत्ति अनुसार ही हमारी दृष्टि और कृति होती है । इसलिए स्मृति ( feelings ) और स्थिति ( stage of thoughts) के आधार पर ही सकाश की तीव्रता निर्भर करता है जो श्रेष्ठ और शक्तिशाली बनती है शिवबाबा की स्मृति अथवा याद से* ।

अभी आप अपना निर्णय स्वयं ले सकते हैं । ओम शांति .

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My Experience with Shiv Baba, BK Sudipta

A Life experience of Brahma Kumari Sudipta Rath, New Delhi about How came in touch with Shiv baba, what wonder happened and seeing of a divine light in dreams. Then randomly saw PMTV channel where she came to know about Brahma Kumaris and then took the 7 days course to begin. This all is shared in some detail.

* DISCOVERED THE CALLING OF GOD (SHIV BABA) *

At the time when I was desperately searching for a real meaning and purpose of Life, Baba Himself came to me and introduced himself that I am HIS child. ~ Sudipta Rath

BK Sudipta Rath, New Delhi

I felt like sharing little background of my journey towards Raj yog. I was a strong believer of God since my childhood days and had been in Bhakti Marg.

Eight years back (in 2011), I saw a bright shining light in my dream. I woke up with a calm mind and could not understand why I saw such a unique light that was pretty different from Sun and moon.

(The first seed sown in my mind)

After few days of seeing that light I travelled to Sweden to attend an International conference. I saw the morning moon when the sky was dark, during taking off of my flight & thought that perhaps this was indicator of my success. Since Sweden is a Scandinavian country and during my visit there was summer I was so fortunate to see mid night Sun there. Again I thought perhaps this was the dream as I had to see this amazing experiences of 24 hr Sun light. Sirf Praksh hi prakash hei. I felt as if I have landed in Heaven. Then in 2013 I relocated to Delhi quitting my job and winded up all my sources of income to stay with my family as my husband had been staying in Delhi & I was in Odisha. I was working in development sector.

My life had taken a different turn and I didn’t want to return to the same traditional pattern of 9-5 job which was very stressful & sucking all my time & energy. I was searching some way to deliver my service to the world as a social worker and do something I am passionate about. I love reading good books as well as writing. Hence from God’s grace I got an opportunity to write articles on Self Development & started working from home. One day in the afternoon I was sitting before my laptop and writing an article suddenly my eyes went towards the door of our living room. I saw rays of different colours coming straight towards me through a small opening on the door. It was amazing and rays were changing colours within fraction of seconds very fast just like flips. (2nd time a knocking from supreme power in 2015)

My mobile was at my hand I tried to capture the colours and took it. Then they were no more visible. I ran towards the door and found sun that changed its direction. But it was amazing to see the ultraviolet rays in open eyes. Next day when at the same time I tried to see them, but could not. It was a divine feeling and I have started a mission “Discover Yourself- a mission towards a world of happiness, peace & ecstasy” using this captured sun rays as the Logo.

I began my journey towards discovering for searching the meaning & purpose of my life. I started doing meditation under the rising Sun in 2015.

( in the mean time I had developed a love towards rising Sun)

Wherever I see Golden, white or red lights it used to attract me much spiritually. One day, a thought came in my mind to publish a book. A word popped up in my mind Like soul, origin & the like. I questioned what’s that? Next day again while I was meditating, a the Word “Womb” popped up in my mind. And I started writing the book titled as “Womb- Your Eternal Soul within”. ( It was about a Soul’s journey in body from birth to the end of life”) The book got published in Amazon just within 2 months, but I was still wandering ‘who has written this book?’ It wasn’t me. Tears flown through my eyes every time I read this book and always I felt as if someone has written this book to show the world that we are all Souls. Another book has been written and now with even accurate understanding of Soul (through Gyan/knowledge). This book is also published on Amazon.

Visit -> Discover Yourself (The REAL YOU) – by Sudipta Rath

Then, again Baba’s incarnation in my dream. Just for a fraction of second I saw I was in a place written as Baikunth (Golden age/ Heaven). I loudly read that and with my own voice I woke up. Scared and sweating. Heart was pulping at a faster rate. Again a big question mark?? I had never thought of going to Baikunth and I thought I may leave this body within few days. I suffered from viral fever and was in rest for a week and was feeling very week. I was randomly changing TV channels to pass the time. I was not feeling like watching anything. Then again all of a sudden I heard the voice “Mein ek Atma hoon – I am a soul”. I stopped my remote on that channel. It was Tata Sky Guru & I never watched this before. The voice was of Sister Shivani, whom I didn’t know. I watched the programme and felt that whatever she was telling I had already published in my book. I jumped from bed and so much energized and felt as if all weakness had gone from my body. I felt, I am on the right track and not going to be mad. Then I started watching Peace of Mind TV regularly for a month & started Amritvela meditation as per Raj yog. I started feeling wonderful. Then I visited my nearby centre at Green park and enrolled for Raj Yog Meditation 7 day course in 2017.

THE FIRST DAY ITSELF I GOT ANSWER TO ALL MY QUESTIONS. AND THE ANSWER CAME LIKE THIS “IT WAS THE CALL FROM PARAMATMA SINCE 2011, I DISCOVERED. I REACHED MY DESTINATION” — MERI MANJIL MILGAYEE.

I hugged that Red Light and said “Baba Mujhe kabse pukar Rahethe, Par Mujhe pahechan ne mein 6 saal laga diya. Yahan tak mujhe lane ke liye Kya kya Drama Kiya. Meri Noukri chudwaliya, Mujhe Odisha se Delhi Le Aye. Mujhe bankrupt bhi bana diya, aur Mere Parivar ke saath rakha, Mujhe earning ka source bhi de diya. I found the meaning & purpose of my life.

Wah Mera Bhagya Wah.. Wah drama Wah

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Useful links

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Who am I – Self realisation

About GOD – Supreme father

General Articles

About Brahma kumaris

PDF Books (free)

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मुरली रिविज़न (Murli Main Points Revision)

मुरली रिविज़न 1 मिनट में. Quick revision of Shiv baba’s Gyan murli of 30 June 2019. Murli points in Hindi. Also visit: Articles and Video Gallery

★ MURLI REVISION 【30】【06】【19】
अव्यक्त बापदादा * रिवाइज:- 19-12-84

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☆ मुरली सार ☆

” सर्व श्रेष्ठ, सहज तथा स्पष्ट मार्ग ”

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● मुरली के मुख्य बिंदु ●
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■ आज बापदादा विशेष स्नेही, सदा साथ निभानेवाले अपने साथियों को देख रहे है।

■ साथी अर्थात सदा साथ रहनेवाले। हर कर्म में, संकल्प में साथ निभानेवाले।

■ साथी अर्थात हर कदम पर कदम रख आगे बढ़ने वाले। एक कदम भी मनमत परमत ना हो।

■ ऐसे श्रेष्ठ साथी हर कदम रखते हुए रास्ता स्पष्ट कर देते है।

■ आपको सिर्फ कदम पर कदम रखना है। रास्ता सही है, स्पष्ट है – यह सोचने की भी आवश्यकता नही। बाप का कदम है ही श्रेष्ठ रास्ता।

■ साकार में फॉलो करना वा कदम पर कदम् रखना तो सहज है ना।

■ जिम्मेवारी लेने वाला जिम्मेवारी ले रहे है तो उसके ऊपर जिम्मेवारी सौपने नही आती है ?

■ साकार माध्यम को मार्गदर्शन स्वरूप बनाए सैम्पूल भी रखा फिर मार्ग पर चलना मुश्किल क्यो ?

■ साकार रूप में ब्रह्माबाप ने जैसे किया जो किया वही करना है। फॉलो फादर करना है।

■ हर संकल्प को वेरीफाई करो, बाप का संकल्प सो मेरा संकल्प है ? कापी करना भी नही आता ?

■ कदम रखना आपका काम है, चलाना, पार पहुँचाना, कदम-कदम पर बल भरना, थकावट मिटाना यह सब साथी का काम है।

■ और रास्ते पर जाते ही क्यो हो ?* और रास्ता अर्थात व्यर्थ संकल्प रूपी रास्ता।

■ हद के साथ कि आकर्षण चाहे किसी सम्बन्ध की, चाहे किसि साधन की अपने तरफ आकर्षित करती है इसी आकर्षण के कारण साधन को अपना साथी बना लेते हो वा सहारा बना देते हो तब अविनाशी साथी से सहारा छूट जाता है।

■ भाग्य विधाता ने आपका भाग्य बनाया है। भाग्य विधाता बाप होने के कारण हर ब्राह्मण बच्चे को भाग्य के भरपुर भण्डार का वर्सा दे दिया है।

■ बापदादा देखते है कि नाम सहज योगी है और अनुभव मुश्किल होता है।

■ मानते अपने को अधिकारी है और बनते अधीन हो।

** कुमारियाँ **

■ कुमारियां अर्थात कमाल करने वाली। साधारण नही अलौकिक कुमारियां हो।

■ स्वयं भी उड़ती और दूसरों को भी उड़ाती – ऐसी कुमारियां हो ना।

■ बाप मिला तो सर्व सम्बन्ध बाप से है। सर्व रस बाप से मिलते है तो और तरफ बुद्धि जा नही सकती।

■ कुमारियां हर कर्म द्वारा बाप को प्रत्यक्ष करेगी।

■ भाषण करनेवाले तो सभी बनते है लेकिन अपने हर कर्म से भाषण करनेवाले वह कोटो में कोई होते है।

■ अपने चरित्र द्वारा बाप का चित्र दिखाना ।

■ पक्की शक्ति सेना की शक्तियां हो, सेना छोड़कर जाने वाली नही। *स्वप्न में भी कोई हिला न सके। कभी संग दोष में आने वाली नही।

■ कुमारियों को सेवा का बहुत अच्छा चांस है और मिलनेवाला भी है क्योंकि सेवा बहुत है और सेवाधारी कम है।

■ कुमारियां बाबा के घर का श्रृंगार हो। कुमारियां है तो सेन्टर की रौनक है।

* टीचर्स के साथ *

■ टीचर्स अर्थात बाप समान। जैसे बाप वैसे निमित सेवाधारी। निमित नही तो बाप समान अनुभव नही करेंगे।*

■ बाप समान अति न्यारे और अति प्यारे।*

■ मेरा सेन्टर नही बाबा का सेन्टर। मेरा जिज्ञासु नही बाबा का। मेरा खत्म होकर तेरा बन जाता।*

** पार्टियों से **

■ फरिस्ता अर्थात जिसकी दुनिया ही एक बाप हो।

■ फरिस्ता अर्थात देह और देह के सम्बंन्धो से कोई आकर्षण नहीं। निमित मात्र देह में।

■ फरिस्ता अर्थात कर्म करने के लिए देह का आधार लिया और फिर ऊपर।

■ फरिश्तो के संसार मे रहने वाले। ऊपर की स्थिति में रहने वाले।

■ रूहानी गुलाब अर्थात श्रेष्ठ आत्माये।

■ आजकल के समय प्रमाण रूहानियत की आवश्यकता है। इसी ऑक्यूपेशन में रहो , बिजी रहो।

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★ वरदान और स्लोगन ★
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वरदान:- ब्रह्मा बाप समान जीवनमुक्त स्थिति का अनुभव करनेवाले कर्म के बन्धनों से मुक्त भव।

स्लोगन:- अपनी आत्मिक वृति से प्रवृति की सर्व परिस्थितियों को चेंज कर दो।

मेरा बाबा

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Daily Gyan Murli in Audio

What is Gyan Murli in Brahmakumaris?

Shiv Baba koun Hai? -Hindi

108 points of Shrimat – Hindi

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कर्म, मेहनत और भाग्य (An Inspiring Story)

कर्म, मेहनत और भाग्य (Hard work, patience and good Karma leads to a good Destiny) – An Inspiring True Story that you can create your own fortune is you work hard towards one goal in life and leave everything else on GOD.

एक चाट वाला था । जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो । हर विषय पर उसको बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था । कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती ।

एक दिन अचानक उसके साथ मेरी कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई ।

तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी देख ही लेते हैं । मैंने उससे एक सवाल पूछ लिया ।*

मेरा सवाल उस चाट वाले से था कि आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से ?*

और उसने जो जवाब दिया उसका जबाब को सुन कर मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए ।*

वो चाट वाला मेरे से कहने लगा आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा.?*

मैने कहा हाँ तो उस चाट वाले ने मेरे से कहा की उस लाकर की चाभियाँ ही इस सवाल का जवाब है । हर लॉकर की दो चाभियाँ होती हैं। एक आप के पास होती है और एक मैनेजर के पास ।*

आप के पास जो चाबी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली भाग्य ।*

जब तक दोनों चाबीयाँ नहीं लगतीं लाकर का ताला नहीं खुल सकता ।*

आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान ।*

आप को अपनी चाबी भी लगाते रहना चाहिये । पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाभी लगा दे । कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाभी लगा रहा हो और हम परिश्रम वाली  चाबी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये ।*

ॐ शांति

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* Video *

Topic -> आपका भाग्य आपके हाथ (Your destiny is in Your Hands)

* Video 2 * 

Topic -> (Hindi) How to create my Fortune?: 

—– Useful Links —–

Law of Karma – Day 5 of course

७ दिवसीय राजयोग कोर्स (7 days course)

What is Murli in BrahmaKumaris?

Daily Murli Poems Hindi

BK Articles Blog

Biography of Great Souls

Brahma Kumaris Films and Documentaries

Short Films, movie trailers (promo), life story and documentaries made by Prajapita Brahma Kumaris Godly University. Watch free from YouTube. One place for Godly experiences.

Videos gallery is One stop to access a wide collection of most important selected videos made as to give Godly message. Not only that, but the videos gallery also includes videos made on Shiv baba, God’s letters, Brahma baba and Mamma life story, History of Yagya, God’s incarnation and more.

2018: Brahma Baba par Ek Documentary Film

‘Satya ki Khoj’ – A Film as a Godly Message

Who is GOD ? – ParamAtma Shiv ka Parichay

Brahma Kumaris – Introduction in HINDI

Brahma Kumaris – Introduction in ENGLISH

Soul and the Supreme Soul


‘Voyagers’ – A 3D film on World Drama Cycle

Children’s Father – Brahma Baba Story

On Godly service

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मनसा सेवा और शुद्ध संकल्पों की शक्ति (Mansa Sewa & Positive Thoughts)

Sakash to World - Giving vibrations

सुद्ध संकल्पो के ख़ज़ाने द्वारा विश्व मनसा सेवा l

प्रश्न: आज 19-10-18 की मुरली के स्लोगन में आया है कि मनसा सेवा वही कर सकते हैं जिनके पास शुद्ध संकल्पों की शक्ति जमा है । हम अपने शुद्ध संकल्पों की शक्ति को बढ़ा या जमा कैसे कर सकते हैं ? कृपया इसे थोड़ा स्पष्ट करें ।*

उत्तर:

मनसा सेवा *शुद्ध एवं श्रेष्ठ संकल्पों* द्वारा सूक्ष्म सेवा है । जब तक हम अपने मन बुद्धि को *एकाग्र* नहीं कर सकते और प्रकृति सहित विश्व की आत्माओं प्रति *कल्याण करने की बेहद की भावना* नहीं रखते तब तक यह सेवा अच्छी व ठीक रीती से नहीं कर सकते । इस सेवा के लिए संकल्पों का शुद्ध व शक्तिशाली होना अत्यावश्यक है ।

संकल्प हमारे शुद्ध व शक्तिशाली तब होते हैं :

१) जब हम ऊँची स्टेज पर स्थित होते हैं या आत्मिक स्वरुप में रहते हैं

२) सूक्ष्म – स्थूल इन्द्रियों के प्रभाव से मुक्त रहते हैं।

स्थिति बनाने का महत्वपूर्ण साधन है –

1. अमृतवेला योग

2. मुरली के पॉइंट्स का मनन चिंतन ।

योग के अंतर्गत कंबाइंड स्वरुप का अभ्यास, पाँच स्वरूपों का अभ्यास, फ़रिश्ता स्थिति का अभ्यास, अशरीरी (बीजरूप स्थिति ) का अभ्यास l

यह अभ्यास करने से हमारे संकल्प शुद्ध एवं शक्तिशाली होने लगते हैं l दूसरी ओर हमारे संचित संकल्पों की शक्ति *विकारों और व्यर्थ संकल्पों* के कारण *नीचे की ओर* ना बहे अथवा *कमजोर* ना बने इस पर भी अटेंशन देना पड़ेगा । स्थूल की ही बात नहीं, मनसा में भी विकारी संकल्पों की प्रवेशता न हो इसका पुरुषार्थ बहुत जरुरी है क्योंकि ये मन को अशुद्ध करते हैं,बुद्धि को भटकाते हैं और व्यर्थ संकल्प हमारी उर्जा को नष्ट करते हैं । 

जितना हमारा *उर्जा का स्टॉक* बढेगा उतना उसकी *intensity* बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा दूर तक उसको प्रवाहित कर सूक्ष्म शरीर द्वारा सेवा कर सकने में सक्षम होंगे । मनसा सेवा से ज्यादा से ज्यादा आत्माओं की सेवा कम समय में कर सकते हैं क्योंकि इसमें *न शरीर का न समय का और न स्थान का बंधन* होता है । अंतिम समय  में जब स्थूल सेवा के लिए scope नहीं रहेगा तब मनसा सेवा ही कर के आत्माओं को *मार्गदर्शन और संतुष्ट* कर सकेंगे ।

—- Useful Links —-

Revelations from Gyan Murli (मुरली से खुलासे)

2018 समाप्ति वर्ष में 24 कैरट सम्पूर्ण बनने के लिए 24 पॉइंटस

५ स्वरुप अभ्यास के लिए १० विधिया

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Depression due to Loneliness

Do you feel sad, low, down, having a loss of interest or pleasure in daily life activities? The symptoms seems familiar to all human beings. But, if they persist and affect our life substantially, then it can lead to depression. Depression is a not a disease. It is a common mood disorder in which people experience hopelessness and worthless. Getting the wisdom of life and law of Karma, one can permanently uplift the self from feeling down. Knowing that – ”I AM THE CREATOR of my own LIFE. And I CAN SHAPE my future with hands of my Karma.”

Depression

According to the Centers for Disease Control and Prevention (CDC), 7.6% of people over the age of 12 have depression in any 2-week period. According to the World Health Organization (WHO), depression is the most common illness worldwide and the leading cause of disability. They estimate that 350 million people are affected by depression, globally.

Why?
First of all we should know that Depression is not a disease. It is the outcome of prolonged period of negative thinking about oneself, dissatisfaction, non fulfillment of desires, frustration & Expectations. When situations, people or work is not according to our way we feel harassed, hopeless, frustrated and then depressed.

Second, that this down feeling can be easily overcome by merely not taking negative information from media. If one is feeling lonely, good thing to do is to find something you love to do, which is productive and your time passes in happiness. Making good friends, watching useful program on TV, time with family, playing outside and reading books are few of them.

There are numerous sources of negative information in today’s world. All these together give us a feeling of Emptiness. That is Loneliness. We always expect someone to take care of us, love us, and understand us. We feel that nobody understand us. Need of the Hour If you have been suffering from all these kind of feelings, no need to be worried. Remember that even if no one understands what you are going through, God is there for you. You are not alone in this world and you are not Lonely. If you feel lonely make friendship with God. Follow certain daily life tips and change your daily routine habits. You can easily overcome depression. Here is some advice:

1. Check your thoughts
You need to understand that how you have created depression. The way you think leads to the way you feel and result in depression. What we think repeatedly becomes our dominant thought. We attract everything towards us by giving that thought, either negative or positive. Because the universe is open to everything. It does not know what is negative & what is positive. It just returns back what you give. This is law of Attraction, the Universal Law. We commutate to the universe through our thoughts.

2. Free Yourself from expectations
Never ever expect anything from anybody. Do not expect all the emotional needs especially Love, care, respect, appreciation from anybody. Rather learn to accept Everyone as they are.

Raja Yoga meditaton

3. Do meditation daily
Learn to do meditation and practice daily in the morning. Meditation is not only a sitting or to focus on thoughts. No. Meditation on God (RajaYog) is a connection and having a direct personal relationship with God, the Supreme Soul. We can experience him as our Father, Mother, Teacher, Friend, Brother and a Guide (guru). At the Brahma Kumaris you can learn all about God and experience Him in meditation based on this understanding. You can then take power and help from Him to change your life. And it is free of charge to learn meditation with this spiritual group.

Learn Raja Yoga mediation – www.bk.com/rajyoga-meditation

4. Practice Affirmation
Self Affirmations can raise your vibration to the high and uplift your self confidence. Affirmation is a blessing that you give to yourself. When you wake up in the morning say these lines to yourself:
1. I am a peaceful soul

2. I am a Pure soul
3. I am a powerful soul
4. I am perfect healthy physically, emotionally & mentally

* Watch this video – ‘One Thought to finish depression’ ->

5. Start doing the things that you love.

Everybody has some interests and hobbies. As you do what you love it will make you feel good. Avoid waste thoughts especially thoughts about past & future. Whatever happens is for good only. Love yourself first. Do not even think that you are having depression. Treat yourself as you used to be before.

6. Surround yourself with positive people
Positive people reflects positive vibrations and act as a very good motivator for others. Spend time with people who inspires you, motivates you, talk to people lovingly. Apart from that read inspirational books, do not read newspapers in the morning or do not spend time on social media too much. Surround your home environment with some pictures or flowers that will give you good feeling.

* Useful links *

BK songs – Full playlist
( listen these divine songs. They will instantly uplift your mind )

Brahma Kumaris videos

* Healing depression – Soul reflections

FULL PLAYLIST on ‘Self healing’ – https://www.youtube.com/watch?v=ZTkIFO1tNrw&list=PL6mmKavEt552Ft9Vm_U8evbLPQf9cyq9i


Brahma Kumaris Forum

Do visit all the given videos OR save the links so that you can visit afterwards. Do update your experience.

Need anything else? Search on BK Googlewww.bkgoogle.com (our personal divine Search engine)

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