* मुरली कविता दिनांक 21.2.2019 * आत्म अभिमान तुम्हें विश्व का मालिक बनातादेह अभिमान तुम्हें कंगाली की तरफ ले जाता खुद को एक्टर समझकर अपना पार्ट बजाओअशरीरीपन का तुम बार बार अभ्यास बढ़ाओ भाई भाई की दृष्टि रखकर पावन बनते जाओगेक्रिमिनल ख्यालातों से सहज ही मुक्ति पाओगे अपने ही बेसमझ बच्चों को बाप यही समझातेपुनर्जन्म में आकर …
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