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Murli Today


आज की मुरली से कविता (Poem made from today’s murli of Shiv baba) – Daily updated. Poems from Brahma Kumar Mukesh bhai (Rajasthan, India). If you have a query or for old poems, contact BK Mukesh: bkmukesh1973@gmail.com

Below is date wise murli poems for past 3 days. For old murlis, to download/print, visit Murli Poems PDF

Murli poem 01

* मुरली कविता दिनांक 17-07-2019*

और किसी भी बात में अपना समय नहीं गंवाना

ज्ञान का सिमरन करते हुए निद्राजीत बन जाना

बाप की मीठी मीठी याद में बच्चों समाते जाओ

निराकार बाप से अपनी बुद्धि को जोड़ते जाओ

आत्मा रूपी बेट्री को इसी विधि से चार्ज करना

विकर्म विनाश करके अपनी कमाई जमा करना

बच्चों ये है तुम्हारा मृत्युलोक का अन्तिम शरीर

स्वर्ग में जाने के लिए अब पुरुषार्थ करो गम्भीर

शान्तिधाम और सुखधाम को याद करते जाओ

इसी अवस्था में विकर्मों का विनाश करते जाओ

अविनाशी ज्ञान धन का बच्चों दान सदा करना

ज्ञान दान करने में कभी मनहूस नहीं तुम बनना

ज्ञान का हर पॉइंट अपनी बुद्धि में तुम टपकाना

राजा बनने के लिए तुम प्रजा भी जरूर बनाना

अपनी चलन से कभी कोई नाराज ना हो जाए

अपने पोतामेल में ऐसी कोई कमी ना रह जाए

अपनी दृष्टि वृत्ति कृति से तुम सेवा करते जाओ

स्नेही और सहयोगी बनकर सेवाधारी कहलाओ

बाप की याद में रहकर वायुमण्डल शुद्ध बनाओ

ब्राह्मण जीवन का श्वांसों श्वांस सेवा में लगाओ

ईश्वरीय सेवा को तुम केवल खेल समझते जाओ

हर सेवा में भाग लेकर सेवा का आनन्द उठाओ

* ॐ शांति *

Murli poem 02

* मुरली कविता दिनांक 16-07-2019*

दु:ख हर्ता सुख कर्ता केवल बाप ही कहलाता
और किसी को यहां दुख दूर करना नहीं आता

सारे जग में जिस समय अनेक धर्म फैल जाते
धर्मों के विरोधाभास ही जग में अशांति फैलाते

सत्य धर्म की स्थापना करने बाप धरा पर आते
सर्व धर्मों का विनाश कर जग में शांति फैलाते

असली विद्या कहलाती केवल गीता का ज्ञान
देने आता खुद हमें ज्ञान सागर शिव भगवान

सतोगुणी से जब आत्मा तमोगुणी बन जाती
ज्ञान की कोई बात उसे समझ कभी ना आती

साइंस के घमण्ड का संसार स्वर्ग ना कहलाए
आसुरी इस दुनिया में दुख ही दुख नजर आए

राजयोग की पढ़ाई पढ़कर कमाई करते जाओ
इसी पढ़ाई से तुम राजाओं का राजा कहलाओ

मुख वंशावली होने का खुद पर नशा चढ़ाओ
अपना और सबका तुम कल्याण करते जाओ

सत्यता और निर्भयता की शक्ति को बढ़ाओ
धरनी नब्ज और समय देखकर ज्ञान सुनाओ

सत्य ज्ञान को युक्ति द्वारा प्रत्यक्ष करते जाओ
ज्ञान फैलाने वाले सच्चे नॉलेजफुल कहलाओ

अपनी बात मनवाने में कभी जोर नहीं लगाओ
औरों की बात मानकर हर समस्या सुलझाओ

* ॐ शांति *

Murli poem 03

* मुरली कविता दिनांक 15.07.2019*

बाबा आया है ज्ञान रत्न देने और मुरली सुनाने
मुरली मिस मत करना बच्चों तुम किसी बहाने

निर्विकारी बनना सबसे अच्छा चरित्र कहलाता
आज का ये सारा संसार चरित्रहीन नजर आता

केवल पढ़ाई ही है ऊँच पद को पाने का आधार
मन में नहीं लाओ पढ़ाई मिस करने का विचार

बाप समझाते बच्चों एक यही सेवा करते जाओ
त्रिमूर्ति यूनिवर्सिटी में बहुतों को दाखिल कराओ

बाप करते हैं हम बच्चों की परवरिश और प्यार
ऐसे बाप को याद करने से ना करो तुम इनकार

बाप टीचर व सतगुरु के बारे में सबको बताओ
अल्फ और बे की पढ़ाई हर आत्मा को पढ़ाओ

सृष्टि चक्र का ज्ञान अपनी बुद्धि में धारण करना
आवाज से परे शांति में जाने का अभ्यास करना

प्रकृति को दासी बनाकर पुरुषोत्तम कहलाओ
कोई भी हलचल के तुम आकर्षण में ना आओ

अपने जीवन को योगी और प्रयोगी तुम बनाओ
सर्व साधनों को तुम अपनी और खींचते जाओ

ज्ञानी तू आत्मा बनकर अपना अनुभव बढाओ
अपने अनुभवों से तुम सबको अनुभवी बनाओ

* ॐ शान्ति *

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